उस सकेल (स्वर) से रियाज करें जिस सवर को तीनों सपतकों में आसानी से लगाया जा सके।
और एक बात जरूर याद रखें आपको उस सवर को सा मानकर रियाज करना है जिस सवर से नीचे के मंदिर सपतक के भी 3 से 4 सवर आसानी से लगें और उसके उपर के सा से भी 3 से 4 सवर आसानी से लगें। मगर एक और बात है कि गले के हिसाब से जो अभी अभी सीखना जिन्होनें शुरू किया है उनसे शुरू – शुरू में मधय के सा से तार सपतक के सा तक ही सवर लगा होगा बाकी धीरे धीरे नियमित अभ्यास से नीचे मंदिर सपतक के सवर और उपर तार सपतक के सवर भी लगने लगेंगे।
यहां पर मैं कहुंगा कि जो female (स्त्री) हैं वह ध सवर पांचवां काला (A#)
से रियाज करें
और जो male (पुरूष) हैं वह सा सवर पहला काला (C#) से रियाज करें।
सबसे पहले आपने जिस सवर को सा सवर माना है उसी सा सवर की ध्वनी पर कम से कम 15 से 20 मिनट तक ओमकार (ओम) का रियाज करें बिल्कुल धैर्य से क्योंकि धैर्य से ही रियाज करेंगे तो कंठ में गायकी के लिए जरुरी ठहराव तभी आएगा।
उसके बाद 5-10 मिनट के लिए अलंकारों का रियाज आरोह – अवरोह में करीए।
और फिर दुबारा से सा सवर को दबा कर सा का ही रयाज करें 10 से 15मिनट तक सा सवर का रियाज ओमकार के रियाज की तरह ही करना है लंबी सांस लेकर 7से10 या 10से 15 सेकेंड तक एक ही सवर पर पूरा श्वास लगा कर सा का रियाज करना है।
और नियमित रियाज करने पर आपको 2 महीने में ही गले पर असर देखने को मिल जाएगा।
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